रांची न्यूज डेस्क: रांची में वामदलों के नेताओं ने गुरुवार को केंद्र सरकार के आम बजट 2025-26 के खिलाफ राजभवन मार्च निकाला। उनका कहना था कि यह बजट पूरी तरह से जनविरोधी है और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। वामदलों ने संकल्प लिया कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। इस विरोध मार्च के जरिए मनरेगा में बजट बढ़ाने, शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अधिक बजट आवंटन और रोजगार के निजीकरण को रोकने जैसी कई मांगें उठाई गईं। इससे पहले 14 फरवरी से 20 फरवरी तक वामदलों ने जन अभियान कार्यक्रम भी चलाया था, जिसका समापन इस राजभवन मार्च के साथ हुआ।
राजभवन मार्च रांची के जिला स्कूल से शुरू होकर परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए राजभवन पहुंचा, जहां यह जनसभा में बदल गया। वामदलों के नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के हित में है और आम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मजदूरों, किसानों, छात्रों और युवाओं के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया है। इसके अलावा, सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने की बात कही गई थी, लेकिन इस बजट में इसके आवंटन में कटौती कर दी गई है।
वामदलों के अनुसार, मनरेगा जैसी योजना, जिससे करोड़ों मजदूरों को रोजगार मिलता है, उसके बजट में भी कटौती कर दी गई है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदतर होती जा रही है, लेकिन इस पर भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। वामपंथी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपनी जनविरोधी नीतियों को वापस नहीं लिया, तो विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा। उनका कहना था कि यह बजट सिर्फ अमीरों के फायदे के लिए बनाया गया है और आम जनता को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा।