रांची न्यूज डेस्क: झारखंड में इस साल धान की रोपाई लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। कृषि विभाग ने 17.88 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 10.48 लाख हेक्टेयर में ही रोपाई पूरी हो पाई है। यानी कुल लक्ष्य का लगभग 59% ही पूरा हुआ है। उत्तर छोटानागपुर में स्थिति सबसे बेहतर है, जहां लगभग 70% खेतों में धान लग चुका है। कोल्हान और संताल परगना में भी लगभग इतनी ही प्रगति हुई है। वहीं, दक्षिणी छोटानागपुर में 53% और पलामू प्रमंडल में सिर्फ 48% खेतों में रोपाई हुई है, जबकि 31 जुलाई तक को रोपाई का आदर्श समय माना जाता है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, खूंटी जिले की स्थिति सबसे खराब है, जहां मात्र 28% खेतों में धान लग पाया है। रांची में यह आंकड़ा 41% है। इसके विपरीत, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में गुमला सबसे आगे है, जहां 61% खेतों में रोपाई हो चुकी है, जबकि सिमडेगा में यह 57% है। पलामू में भी हालात कमजोर हैं, यहां सिर्फ 38% खेतों में ही रोपाई हो पाई है।
राज्य के कई जिलों में किसान पारंपरिक रोपा विधि के अलावा सीधी बुआई से भी धान लगाते हैं। इस साल सीधी बुआई से करीब 1 लाख हेक्टेयर में धान लगाया गया है। रोपा विधि से अब तक लगभग 10 लाख हेक्टेयर में रोपाई पूरी हो चुकी है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर अच्छी बारिश नहीं होने से रोपाई की रफ्तार धीमी रही है। यदि अगस्त के पहले पखवाड़े में पर्याप्त बारिश होती है तो आंकड़ों में सुधार हो सकता है, लेकिन फिलहाल लक्ष्य से काफी पीछे रहने की चिंता किसानों और विभाग दोनों को है।