वाराणसी न्यूज़ डेस्क: गंगा के जलस्तर में लगातार कमी आ रही है, लेकिन तटवर्ती इलाकों में समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। गंगा और वरुणा के किनारों पर रहने वाले लोगों को परेशानियों से राहत नहीं मिली है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, रात नौ बजे गंगा का जलस्तर 68.22 मीटर था।
जलालीपुरा वार्ड में कुल 447 बाढ़ पीड़ित:
जलालीपुरा वार्ड में कुल 447 बाढ़ प्रभावित परिवार हैं। पार्षद शबाना अंसारी के पति हाजी वकास अंसारी राहत शिविर की व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा में पानी बढ़ता है, प्रभावित परिवारों को पांच चिह्नित राहत शिविरों में रखा जाता है।
राहत शिविर में खाने और रहने की व्यवस्था:
खबरों के मुतबिक, जिला प्रशासन ने राहत शिविर में खाने और रहने की व्यवस्था की है। बाढ़ पीड़ितों को दिन में दो बार साफ खाना दिया जा रहा है। शौचालयों की व्यवस्था अलग-अलग पुरुषों और महिलाओं के लिए की गई है, और लाइट व सफाई की भी पूरी व्यवस्था है।
रविवार को गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से घट रहा है। अस्सी से राजघाट के बीच घाटों का संपर्क अभी भी टूटा हुआ है। घाट किनारे दुकान चलाने वाले, पंडा और तीर्थ पुरोहितों का काम भी प्रभावित हुआ है। गंगा में उफान का असर वरुणा में भी दिख रहा है, जिससे पलट प्रवाह के कारण तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया है। कई ग्रामीण इलाकों में फसलें बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं और प्रभावित लोगों को वहां सुरक्षित रखा गया है। उन्हें भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। ऐसे में एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।