रांची न्यूज डेस्क: झारखंड की राजधानी रांची का देवरी गांव अब “एलोवेरा विलेज” के नाम से जाना जाता है। इस गांव में करीब 40 महिलाएं एलोवेरा की खेती कर रही हैं और इससे अच्छी कमाई भी कर रही हैं। यहां की खास बात यह है कि महिलाओं को अपनी फसल बेचने कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता, क्योंकि बड़ी-बड़ी कॉस्मेटिक कंपनियां खुद गांव आकर एलोवेरा खरीद ले जाती हैं। कंपनियां पहले से किसानों के साथ अनुबंध कर लेती हैं और फसल तैयार होते ही सीधे गांव से ले जाती हैं।
गांव की महिला गुंजन बताती हैं कि एलोवेरा की खेती आसान और मुनाफेदार दोनों है। इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, बस दिन में एक बार हल्का पानी देना ही काफी है। एक पौधे से करीब 3 किलो तक एलोवेरा निकल जाता है और हफ्तेभर में फसल तैयार हो जाती है। गुंजन के मुताबिक, वह हर हफ्ते लगभग 70 किलो एलोवेरा बेचकर करीब ₹7000 तक कमा लेती हैं। महीने भर में उनकी आमदनी ₹25,000 से ₹30,000 तक पहुंच जाती है।
गांव की कई महिलाएं तो बड़े पैमाने पर खेती कर रही हैं और लाखों रुपये कमा रही हैं। एलोवेरा का बाजार भाव करीब 90 से ₹100 प्रति किलो तक है, जिससे कम जगह में भी खेती करके अच्छी आमदनी संभव है। इस वजह से एलोवेरा खेती आज ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का बड़ा जरिया बन गई है।
कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में एलोवेरा की मांग लगातार बनी रहती है। सौंदर्य प्रसाधन से लेकर दवाइयों तक, हर जगह इसका इस्तेमाल होता है। कई बार कंपनियों के पास इसकी कमी हो जाती है, तब वे सीधे गांव पहुंचकर फसल खरीद लेती हैं। देवरी गांव की महिलाओं की यह सफलता कहानी दिखाती है कि थोड़ी मेहनत और सही दिशा में कदम बढ़ाकर गांव की महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं।