रांची न्यूज डेस्क: नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल) रांची की एलएलएम छात्रा मालोती हेंब्रम जर्मनी के बर्लिन में आयोजित प्रतिष्ठित जर्मन-भारत शिखर सम्मेलन (G2C-2025) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रांची लौट आई हैं। छह और सात अक्टूबर को हुए इस सम्मेलन में दोनों देशों के नीति-निर्माता, सीईओ और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए। मालोती ने सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई और “कलेक्टिव फ्यूचर्स बियॉन्ड-2045” कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें भारत-जर्मनी सहयोग के तहत भविष्य की सामाजिक, तकनीकी और कानूनी संभावनाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण तैयार किया गया। इसके बाद 9-10 अक्टूबर को उन्होंने बेल्जियम में यूरोपीय संसद के सदस्यों और जर्मन-बेल्जियम दूतावासों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी की आदिवासी परिवार में जन्मी मालोती की यह उपलब्धि राज्य और देश के लिए गर्व का क्षण है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, सूरदा (पूर्वी सिंहभूम) से हुई और इसके बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ओडिशा से बीए एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में वे एनयूएसआरएल रांची से संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में एलएलएम कर रही हैं।
एनयूएसआरएल रांची के कुलपति प्रो. (डॉ.) अशोक आर. पाटिल ने मालोती की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र से निकलकर वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करना प्रेरणादायक है। मालोती की यह उपलब्धि समर्पण, कठिन परिश्रम और शैक्षणिक उत्कृष्टता का बेहतरीन उदाहरण है।