रांची न्यूज डेस्क: झारखंड के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा ने राज्य के 59 एकलव्य मॉडल विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक जनजातीय बच्चों का नामांकन और अध्यापन कार्य एक मई तक शुरू करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कल्याण कॉम्प्लेक्स में बैठक के दौरान आदिवासी कल्याण आयुक्त को नामांकन और अध्ययन से संबंधित निर्देश दिए और कहा कि एकलव्य मॉडल विद्यालयों को 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की तर्ज पर संचालित किया जाए।
मंत्री ने यह भी कहा कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नामांकन की पूरी जिम्मेदारी प्रमंडलीय उप-निदेशकों पर होगी। उन्होंने विद्यार्थियों को उनके गृह जिले के निकटतम एकलव्य विद्यालय में स्थानांतरित करने का विकल्प देने का निर्देश दिया, जिससे उन्हें आसानी हो। यह प्रक्रिया 15 से 25 फरवरी तक होगी और फिर अप्रैल में नामांकन के दौरान रिक्तियों का समायोजन किया जाएगा।
एकलव्य मॉडल विद्यालयों में नामांकन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जिन जिलों में एकलव्य विद्यालय नहीं हैं, वहां के बच्चों को पास के विद्यालयों में नामांकित किया जाएगा। मंत्री ने इन विद्यालयों में जल्द से जल्द आधारभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया।
नामांकन प्रक्रिया के लिए तारीखें भी तय की गई हैं। विज्ञापन प्रकाशन 1, 8 और 15 फरवरी को होगा, जबकि नामांकन फॉर्म 5 से 28 फरवरी तक भरे जाएंगे। प्रवेश परीक्षा 9 मार्च को होगी और परीक्षाफल 28 मार्च को प्रकाशित होगा। काउंसेलिंग और नामांकन प्रक्रिया अप्रैल में पूरी होगी, और स्कूलों में प्रवेश 25 अप्रैल से होगा।