रांची न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है, खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में। सरकार ने सोलर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है। झांसी में हिंदूजा रिन्यूएबल इनर्जी द्वारा 600 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए 2700 एकड़ भूमि सोलर पार्क के लिए उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, एनटीपीसी ग्रीन इनर्जी ललितपुर में 600 मेगावाट और चित्रकूट में 800 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने जा रहा है। इन परियोजनाओं से करीब 16,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में अभी विभिन्न स्रोतों से 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। राज्य सरकार ने आगामी वर्षों में 3710 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इन नए सोलर पार्क्स के स्थापित होने के बाद राज्य में कुल 435 मेगावाट की सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में ग्राउंड माउंटेड अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा पार्क विकसित करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद नेडा ने इन परियोजनाओं के लिए योजना बनाई।
ललितपुर में 2700 एकड़ भूमि पर 600 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा, और इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस सोलर प्लांट के निर्माण से लगभग 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस परियोजना से जुड़ेंगे। झांसी में 96 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है और वहां भी सोलर ऊर्जा पार्क की योजना तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
चित्रकूट में 800 मेगावाट क्षमता वाला सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसका कुल क्षेत्रफल 3400 एकड़ होगा। इस प्लांट से हर साल लगभग 1900 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है। बुंदेलखंड क्षेत्र में सोलर ऊर्जा के लिए यह क्षेत्र अत्यधिक उपयुक्त साबित हो रहा है, क्योंकि यहां बड़ी ज़मीन और लंबे समय तक सूर्य की रोशनी मिलती है। इसके अलावा, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे भी सोलर पार्क बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
इन सोलर परियोजनाओं से राज्य में न केवल ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बुंदेलखंड क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और सूर्य की प्रचुरता के कारण यह क्षेत्र सोलर ऊर्जा के लिए एक आदर्श स्थल बन चुका है। योगी सरकार की यह पहल राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।