रांची न्यूज डेस्क: रांची यूनिवर्सिटी को उम्मीद से कम ग्रेड मिलने पर छात्रों में निराशा
हर पांच साल में नैक (NAAC) द्वारा कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों की ग्रेडिंग की जाती है। इस बार रांची यूनिवर्सिटी को B++ ग्रेड मिला, जिससे छात्रों में निराशा है। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार A+ ग्रेड मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि प्रोफेसरों की कमी, धीमी प्रशासनिक प्रक्रियाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियां इसके मुख्य कारण हैं।
छात्रों के अनुसार, प्रोफेसरों की लगातार कमी यूनिवर्सिटी की शिक्षा गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। बॉटनी विभाग की मनीषा का कहना है कि नैक टीम से बातचीत के दौरान अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन यूनिवर्सिटी में लगातार प्रोफेसर बदलते रहने से पढ़ाई पर असर पड़ा है। सुकेश नाम के एक छात्र ने बताया कि यहां किसी भी काम के लिए बार-बार ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे छात्रों का कीमती समय बर्बाद होता है। वहीं, प्रीतम ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए कहा कि रिजल्ट आने में देरी, पेपर लीक और गलत प्रश्न पत्र जैसी समस्याएं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं।
छात्रों के अनुसार, यूनिवर्सिटी को स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है। प्रीति नाम की छात्रा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों और कर्मचारियों की भारी कमी है, जिसे जल्द दूर किया जाना चाहिए। साथ ही, वॉशरूम की सफाई और पानी की समस्या जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की भी आवश्यकता है। छात्रों का मानना है कि अगर प्रशासन इन मुद्दों पर ध्यान दे तो अगली बार रांची यूनिवर्सिटी को बेहतर ग्रेड मिल सकता है।