वाराणसी न्यूज डेस्क: जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और नमामि गंगे के द्वारा गंगा के संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के प्रति संकल्पित होकर 'राष्ट्रीय गंगा उत्सव' का वार्षिक कार्यक्रम चार नवंबर को पूरे देश में आयोजित किया जाएगा।
इस संदर्भ में, शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से गंगा किनारे की सांस्कृतिक धरोहर और समृद्धि के उत्सव 'गंगा उत्सव' में भागीदारी के लिए नमामि गंगे ने एक स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला की अगुवाई में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ ग्रीस से आए विदेशी पर्यटकों ने भी गंगा के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय ध्वज लेकर स्वच्छता के प्रति अपने कदम बढ़ाने की अपील की।
गंगा तट की सफाई के दौरान कई प्रदूषित सामग्रियों को हटाया गया। इस अवसर पर गंगा स्वयंसेवक राजेश शुक्ला ने कहा कि नमामि गंगे का उद्देश्य 'गंगा उत्सव' के जरिए गंगा की अविरलता और निर्मलता को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों, विशेष रूप से युवाओं और छात्रों को शामिल करना है।
इस प्रयास का लक्ष्य है कि देश की अन्य नदियों को भी प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार किया जा सके। राजेश शुक्ला ने जानकारी दी कि सरकार ने 2014 में इस परियोजना की शुरुआत करने के बाद से गंगा नदी की सफाई के कार्यों में तेजी लाने के लिए कदम उठाए हैं।
उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक सभी राज्यों में बड़ी संख्या में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं, औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है और नदी के पानी को साफ करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।
इस योजना के अंतर्गत जून 2024 तक कुल 39,080.70 करोड़ रुपये की लागत वाली 467 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से 292 परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही, 5,282 किलोमीटर लंबे सीवेज नेटवर्क को स्थापित करने के लिए 32,071 करोड़ रुपये की लागत से 200 सीवेज बुनियादी ढांचे की परियोजनाएं आरंभ की गई हैं।
इस आयोजन में वेद प्रकाश बाजपेयी, सनातन पॉल, रामचंद्र पाण्डेय, रवि सिंह, ग्रीस से आए विदेशी पर्यटक और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।