रांची न्यूज डेस्क: झारखंड हाईकोर्ट ने लोहरदगा जिले में डायन (जादू-टोना) के नाम पर एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या मामले पर संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने और मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार से पिछले दो वर्ष में डायन प्रथा निवारण अधिनियम, 1999 के तहत दर्ज मामलों का विवरण भी मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि मामले से संबंधित 2012 और 2015 में दायर जनहित याचिकाओं के रिकॉर्ड को भी इस मामले में शामिल किया जाए। घटना लोहरदगा के पेशरार प्रखंड के केकरांग बरटोली गांव की है, जहां नौ अक्टूबर की देर रात एक ही परिवार के तीन सदस्य—50 वर्षीय लक्ष्मण नगेसिया, उनकी पत्नी 45 वर्षीय बिफनी नगेसिया और नौ वर्षीय बेटा रामविलास—को कुदाल से काटकर मार दिया गया।
पुलिस ने लक्ष्मण की बहू सुखमनिया के बयान पर एफआईआर दर्ज की। ग्रामीणों के अनुसार, पड़ोस के कुछ लोग अक्सर बिफनी पर डायन होने का आरोप लगाते थे और किसी के बीमार होने पर उसे जिम्मेदार ठहराते थे। हत्या की रात, लक्ष्मण, बिफनी और रामविलास एक कमरे में थे, जबकि सुखमनिया दूसरे कमरे में मौजूद थी। घटना के बाद आरोपी फरार हो गए।