मुंबई, 9 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन) गर्मी बढ़ने के साथ ही आम का मौसम आ जाता है, जिसका बेसब्री से इंतज़ार किया जाता है। यह अपने साथ ‘फलों के राजा’ की अलग मिठास और खुशबू लेकर आता है। आम की सबसे मशहूर किस्मों में से एक है अल्फांसो, लेकिन नकली और असली में फर्क करना मुश्किल हो सकता है। अल्फांसो के बढ़ते बाज़ार का मतलब है कि सड़कों पर नकली किस्मों की भरमार है।
अल्फांसो आम को इतना खास क्या बनाता है?
अल्फांसो आम, जिसे अक्सर “आमों का राजा” कहा जाता है, अपने सुनहरे-पीले रंग, मुलायम बनावट और भरपूर खुशबू के लिए काफ़ी मूल्यवान है। पुर्तगाल में पैदा हुए और बाद में महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में उगाए जाने वाले ये आम अब अपनी बेहतरीन गुणवत्ता और मुंह में पानी लाने वाले स्वाद के लिए जाने जाते हैं।
अल्फांसो अपने मीठे, खट्टे स्वाद और अपनी प्राकृतिक रूप से तेज़ खुशबू के लिए जाना जाता है, खास तौर पर तने के पास। यह किस्म, जिसमें क्रीमी बनावट और थोड़े से रेशे होते हैं, भारत और बाहर गर्मियों में सबसे ज़्यादा पसंद की जाती है।
असली अल्फांसो आम की पहचान कैसे करें, इस पर सुझाव
सुगंध:
असली अल्फांसो से एक सुखद, जैविक खुशबू निकलती है। जिस आम में खुशबू नहीं होती, वह अक्सर नकली या कृत्रिम रूप से पका हुआ होता है।
बनावट और रंग:
आम का छिलका चमकीले सुनहरे पीले रंग का होना चाहिए। लाल-गुलाबी आम या बहुत चमकीले आमों से बचना चाहिए क्योंकि वे कृत्रिम रूप से रंगे हो सकते हैं।
गूदे और आकार को महसूस करें:
असली अल्फांसो आम की नोक थोड़ी नुकीली होती है और इसका आकार समतल, अंडाकार होता है। गूदा छूने पर चिकना, सख्त और बिना रेशेदार होना चाहिए।
असली होने का स्वाद:
असली अल्फांसो का स्वाद गहरा, बारीक और थोड़ा खट्टा होगा। अगर स्वाद उथला, बहुत अम्लीय या फीका है, तो यह नकली किस्म हो सकती है।
असली अल्फांसो आम क्यों खरीदें?
असली अल्फांसो आम खरीदने से न केवल उनके बेहतरीन स्वाद की गारंटी मिलती है, बल्कि उनकी सुरक्षा और पोषण संबंधी मूल्य भी सुनिश्चित होते हैं। कृत्रिम रूप से पकाए गए या नकली आमों में असली किस्म के पोषण मूल्य नहीं होते या उनमें खतरनाक रसायन होते हैं।