मुंबई, 6 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम ने एक और शानदार मील का पत्थर पार कर लिया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने 2 अगस्त, 2025 को एक ही दिन में 70.7 करोड़ (707 मिलियन) से अधिक लेनदेन दर्ज करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह आंकड़ा न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि कैसे UPI करोड़ों भारतीयों के दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
यह सफलता रातों-रात नहीं मिली है। पिछले कुछ वर्षों में UPI ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। महज़ दो साल पहले, 2023 में, UPI पर रोज़ाना लगभग 35 करोड़ लेनदेन होते थे। यह आंकड़ा 2024 तक 50 करोड़ प्रतिदिन तक पहुंच गया और अब 70 करोड़ का विशाल आंकड़ा पार कर गया है। सरकार का अगला लक्ष्य अब रोज़ाना 100 करोड़ (1 बिलियन) लेनदेन तक पहुंचना है, जो इस रफ़्तार को देखते हुए अब दूर की कौड़ी नहीं लगता।
क्यों है UPI इतना लोकप्रिय?
इस ज़बरदस्त लोकप्रियता के पीछे UPI की सरलता और सुगमता है। एक ही ऐप से कई बैंक खातों को जोड़ने और केवल फ़ोन नंबर या UPI आईडी से तुरंत भुगतान करने की सुविधा ने इसे हर किसी की पसंद बना दिया है। दिलचस्प बात यह है कि अब UPI सिर्फ दोस्तों-रिश्तेदारों को पैसे भेजने तक सीमित नहीं है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, कुल लेनदेन का लगभग 62% हिस्सा दुकानदारों और व्यापारियों को किए गए भुगतान का है। यह दर्शाता है कि छोटे किराना स्टोर से लेकर बड़े शोरूम तक, हर कोई इस डिजिटल क्रांति में शामिल हो गया है।
आज भारत में होने वाले कुल डिजिटल भुगतानों में से लगभग 85% अकेले UPI के माध्यम से होते हैं। इसने देश को 'कैश-लेस' अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, इस तेज़ वृद्धि के साथ, सिस्टम को टिकाऊ बनाए रखने की बहस भी तेज़ हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विशाल नेटवर्क को बनाए रखने और भविष्य में और बेहतर बनाने के लिए एक स्थायी राजस्व मॉडल की आवश्यकता होगी।
कुल मिलाकर, 70.7 करोड़ का यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि बदलते और आत्मनिर्भर भारत की एक शक्तिशाली तस्वीर है। यह दिखाता है कि तकनीक कैसे आम आदमी के जीवन को आसान बना रही है और देश को एक नई डिजिटल दिशा में ले जा रही है। अब सभी की निगाहें 100 करोड़ के अगले लक्ष्य पर टिकी हैं।