हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव नाढोड़ी के किसान विकास कुमार के मुर्रा नस्ल के झोटे 'कुबेर' ने पुष्कर पशु मेले में न केवल 21 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड तोड़ बोली हासिल की, बल्कि अपने मालिक के लिए 'शान और मेहनत की पहचान' बनकर इतिहास रच दिया। कुबेर ने मेले की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की, जिसके बाद किसान विकास कुमार ने इस बेशकीमती पशु को बेचने से साफ इनकार कर दिया।
कुबेर: सोने से ज़्यादा कीमती पशुधन
मुर्रा नस्ल के पशुधन की महत्ता और उसकी कीमत का आकलन केवल उसके वजन या दूध देने की क्षमता से नहीं होता, बल्कि उसकी 'उत्कृष्ट आनुवंशिकी' (Superior Genetics) से होता है। कुबेर की 21 करोड़ रुपये की कीमत लगने के पीछे यही सबसे बड़ा कारण है।
अद्वितीय शारीरिक गठन: कुबेर सिर्फ साढ़े तीन साल का है, लेकिन उसकी साढ़े पांच फुट की ऊंचाई और चमकीला काला रंग मुर्रा नस्ल की शुद्धता को दर्शाता है, जो पशु व्यापारियों और किसानों के लिए अत्यंत आकर्षक है।
मां का रिकॉर्ड: कुबेर की मां का रिकॉर्ड भी बेमिसाल है, जिसने 23.5 लीटर दूध देकर जिला स्तर पर इनाम जीता था। एक झोटे के लिए उच्च आनुवंशिकी उसकी माँ की दूध देने की क्षमता से सिद्ध होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उसकी संतानें भी उच्च दूध उत्पादन क्षमता वाली होंगी।
शाही आहार: किसान विकास कुमार, कुबेर को खाल-बिनौला, चना के अलावा घी और दूध जैसी पौष्टिक खुराक देते हैं। यह विशेष आहार कुबेर को न केवल स्वस्थ रखता है, बल्कि उसकी शारीरिक क्षमता और सीमन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है।
बेचना नहीं, नस्ल सुधार का मिशन
विकास कुमार का यह फैसला कि वह कुबेर को 21 करोड़ रुपये में नहीं बेचेंगे, पशुधन व्यवसाय में एक नया 'मॉडल' स्थापित करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुबेर उनके लिए केवल कमाई का जरिया नहीं, बल्कि उनका गौरव है। उनका दूरदर्शी फैसला है कि वे कुबेर को सीमन बैंक में रखेंगे। यह कदम उन्हें हर महीने लाखों रुपये की आय प्रदान करेगा, जो 21 करोड़ रुपये को एक बार में लेने से कहीं अधिक फायदेमंद हो सकता है।
सीमन बैंक की उपयोगिता: सीमन बैंक के माध्यम से, कुबेर के उच्च गुणवत्ता वाले सीमन को किसानों को वाजिब दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन: यह पहल हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में मुर्रा नस्ल के सुधार (Breed Improvement) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे देश के डेयरी उद्योग को सीधा लाभ होगा।
व्यावसायिक सफलता: 21 करोड़ की कीमत लगने की खबर फैलते ही, किसान विकास कुमार को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से सीमन की बुकिंग के लिए लगातार फोन आने लगे हैं, जो कुबेर की अविश्वसनीय ब्रांड वैल्यू को दर्शाता है।
पूरे हरियाणा का नाम रोशन
पुष्कर मेले की चैंपियनशिप में कुबेर की जीत और उसकी रिकॉर्ड कीमत जिले और पूरे हरियाणा राज्य के लिए गर्व का विषय बन गई है। राजस्थान सरकार की ओर से बुधवार को कुबेर और उसके मालिक विकास कुमार को विशेष सम्मान से नवाजा जाएगा।
स्थानीय अधिकारियों ने घोषणा की है कि जल्द ही आयोजित होने वाले हरियाणा राज्य स्तरीय पशुधन मेले में भी कुबेर को शामिल किया जाएगा, जिससे अन्य किसानों को भी पशुपालन की उन्नत तकनीकों और शुद्ध मुर्रा नस्ल के महत्व को जानने का मौका मिलेगा। कुबेर केवल एक पशु नहीं, बल्कि मेहनत, समर्पण और उत्कृष्ट पशुधन प्रबंधन का एक चलता-फिरता उदाहरण है।