सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो (वीडियो का विवरण) तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी हथकड़ी पहने और मुँह ढके कुछ लोगों को सहारा देकर चलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में ऐसा लग रहा है कि इन व्यक्तियों को चलने में काफी तकलीफ हो रही है। इस क्लिप को शेयर करते हुए बड़े पैमाने पर यह दावा किया जा रहा है कि इन कथित 'बदमाशों' की यह हालत उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'नए एक्शन प्लान' के तहत की है, जिसके चलते अपराधी अब लंगड़ाकर चलने को मजबूर हैं।
एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए व्यंगात्मक रूप से लिखा, "योगी बाबा की नई योजना... अब अबोध बालकों को पांवों पर चलना भी सिखाती है बाबा की यूपी पुलिस"। इसी कैप्शन के साथ यह वीडियो फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी खूब शेयर किया गया है।
हालांकि, आजतक फैक्ट चेक की पड़ताल में यह दावा पूरी तरह गलत पाया गया है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है, बल्कि पिछले साल (नवंबर 2024) का है और इसका संबंध गुजरात के वडोदरा शहर से है।
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए 'आजतक फैक्ट चेक' टीम ने वीडियो को गूगल लेंस और कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। सर्च के नतीजों में दिव्य भास्कर और देश गुजरात जैसे मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस घटना का विस्तृत विवरण दिया गया था। दिव्य भास्कर की नवंबर 2024 की खबर में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि यह घटना गुजरात के वडोदरा शहर की है। वीडियो में दिख रहे लोग, बीजेपी के एक पूर्व पार्षद के बेटे तपन परमार के मर्डर के आरोपी हैं।
वडोदरा में पार्षद पुत्र की हत्या का मामला
यह पूरी घटना वडोदरा में हुए एक हाई-प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़ी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, तपन परमार को कथित तौर पर बाबर परमार नाम के एक हिस्ट्रीशीटर ने चाकू घोंपकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था, जिसके बाद इलाज के दौरान तपन की मौत हो गई थी।
घटना का क्रम:
तपन परमार के दोस्तों की पहले बाबर परमार से मारपीट हुई थी, जिसमें तपन के दोस्त घायल हो गए थे।
तपन अपने घायल दोस्तों को देखने के लिए वडोदरा के एक अस्पताल में गया था।
मारपीट में बाबर परमार भी घायल हुआ था और वह इलाज के लिए उसी अस्पताल में पहुंचा था।
अस्पताल में तपन और बाबर के बीच कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते बड़े बवाल में बदल गई।
बवाल के दौरान बाबर ने तपन पर चाकू से हमला कर दिया।
इस घटना के बाद पुलिस ने बाबर परमार सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वीडियो में दिख रहे ये लंगड़ाते हुए आरोपी वही हैं, जिन्हें पुलिस पकड़कर ले जा रही थी। यह घटना उस समय भी सुर्खियों में थी क्योंकि कुछ आरोप यह भी लगे थे कि अस्पताल में यह सारा बवाल पुलिस की मौजूदगी में हुआ था।
निष्कर्ष
आजतक फैक्ट चेक की जांच से यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हो रहे वीडियो को यूपी पुलिस की कार्रवाई से जोड़ना एक भ्रामक और फर्जी दावा है। यह क्लिप उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि गुजरात के वडोदरा में बीजेपी के पूर्व पार्षद के बेटे की हत्या के आरोपियों से जुड़ा है, जिसे राजनीतिक दावे के साथ गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है। अतः, यह दावा कि लंगड़ाते दिख रहे हुड़दंगी योगी बाबा की यूपी पुलिस की 'नई योजना' का हिस्सा हैं, गलत है।