सैंटो डोमिंगो। डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात एक दर्दनाक हादसे का गवाह बनी, जब शहर के प्रसिद्ध जेट सेट नाइट क्लब की छत अचानक गिर गई। इस भयावह दुर्घटना में कम से कम 184 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। यह हादसा उस वक्त हुआ जब क्लब संगीत प्रेमियों, गायकों, खिलाड़ियों और सरकारी अधिकारियों से खचाखच भरा हुआ था।
गायिका रूबी पेरेज दे रहीं थीं प्रस्तुति
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त मंच पर जानी-मानी मेरेंग्यू गायिका रूबी पेरेज लाइव प्रस्तुति दे रही थीं। उसी दौरान नाइट क्लब की छत से अचानक सीमेंट के टुकड़े गिरने लगे और कुछ ही पलों में पूरी छत भरभराकर नीचे गिर पड़ी। क्लब का डांस फ्लोर उस वक्त पूरी तरह लोगों से भरा हुआ था, जिससे मौतों का आंकड़ा और बढ़ गया।
मलबे में चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
डोमिनिकन रिपब्लिक के आपातकालीन अभियान निदेशक मैनुअल मेंडीज ने जानकारी दी कि अब तक 184 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से केवल 54 की ही शिनाख्त हो पाई है। उन्होंने बताया कि बचाव दल अब भी मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं और यह उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ लोग अब भी जीवित हो सकते हैं।
मेंडीज ने कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि मलबे में दबे किसी भी जिंदा व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। यह हादसा हमारे देश के लिए एक गहरा घाव है।”
पड़ोसी देशों और इजरायल से भी मदद
राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए प्यूर्टो रिको और इजरायल से विशेष बचाव दल डोमिनिकन गणराज्य पहुंच चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 145 घायलों को मलबे से निकाला गया है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। 28 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
नाइट क्लब की स्थिति और सवालों की झड़ी
हालांकि हादसे की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि जेट सेट नाइट क्लब की इमारत का आखिरी बार कब निरीक्षण किया गया था। प्रशासनिक लापरवाही और निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
क्लब प्रबंधन ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह जांच में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। वहीं डोमिनिकन रिपब्लिक के राष्ट्रपति लुइस अबिनाडर ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
निष्कर्ष
यह हादसा केवल एक इमारत के गिरने की त्रासदी नहीं है, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण है। अब पूरे देश की निगाहें इस जांच पर टिकी हैं कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जाए।