राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित विभिन्न देशों के उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। SJM ने इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि यह कदम WTO की संप्रभुता को चुनौती देता है।
SJM के राष्ट्रीय सह-संयोजक डॉ. अश्विनी महाजन ने कहा कि यह एकतरफा निर्णय WTO के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि भारत सहित अन्य देश WTO के तहत निर्धारित बाउंड टैरिफ की सीमा में रहकर ही शुल्क लगाते हैं। महाजन के अनुसार, ट्रंप की यह शिकायत कि भारत अमेरिका से आने वाले सामान पर अधिक शुल्क लगाता है, निराधार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि WTO बनने से पहले अमेरिका समेत अन्य विकसित देशों ने खुद यह सहमति दी थी कि विकासशील देशों को अपने उद्योगों की सुरक्षा के लिए अधिक शुल्क लगाने की छूट दी जाए।
महाजन ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा WTO नियमों की अवहेलना करना इस वैश्विक संस्था के अंत की आहट है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अब अपने लघु और कुटीर उद्योगों की सुरक्षा के लिए मात्रात्मक नियंत्रण (Quantitative Restrictions – QR) और उत्पाद आरक्षण नीति जैसे पुराने उपायों को फिर से लागू करना चाहिए। इससे रोजगार सृजन और विकेंद्रीकरण को बल मिलेगा।
SJM ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस अवसर को रणनीतिक रूप से उपयोग में लाए और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में बदलाव करते हुए भारत के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी चाहिए, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्यमियों के हितों की।