रांची न्यूज डेस्क: रांची साइबर थाना की टीम ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में छापा मारकर एक दवा व्यापारी आसिफ को गिरफ्तार किया है, जो साइबर ठगी के मामलों में शामिल बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, आसिफ का संबंध कई राज्यों में फैले साइबर ठगों के गिरोह से है और उसके बैंक खाते में पिछले महीने कुल 1.14 करोड़ रुपये की ठगी की राशि ट्रांसफर हुई थी। रांची पुलिस ने स्थानीय कोतवाली पुलिस के सहयोग से मोती कॉलोनी स्थित मेडिकल स्टोर से आसिफ को पकड़ा।
गिरफ्तारी के बाद आसिफ को हापुड़ के रिमांड मजिस्ट्रेट आदित्य जायसवाल की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे रांची पुलिस को रिमांड पर सौंप दिया गया। रांची साइबर थाना के इंस्पेक्टर फागुनी पासवान की अगुवाई में टीम आरोपी को लेकर वापस झारखंड रवाना हो गई। पुलिस का कहना है कि आसिफ का मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट साइबर ठगों द्वारा लगातार इस्तेमाल किए जा रहे थे।
जांच में सामने आया है कि जमशेदपुर के एनआईटी केमेस्ट्री प्रोफेसर प्रभात कुमार से बीस लाख रुपये की ठगी की गई थी। उन्हें निवेश (इन्वेस्टमेंट) का झांसा देकर ठगों ने यह रकम हड़प ली थी। यह पूरा पैसा विभिन्न खातों के जरिए आसिफ के खाते में पहुंचा। पुलिस ने बताया कि केवल पांच मई को उसके खाते में 55 लाख रुपये और सात मई को 59 लाख रुपये जमा हुए थे।
रांची पुलिस ने पहले ही आसिफ के मेडिकल स्टोर से जुड़े करंट अकाउंट को फ्रीज करवा दिया था। इसके विरोध में आसिफ ने बैंक को मेल भेजकर खाते से रोक हटाने की मांग भी की थी। पुलिस के अनुसार, आसिफ के खिलाफ हापुड़ में कोई मामला दर्ज नहीं है, लेकिन झारखंड समेत कई राज्यों में वह साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा है। उसके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल भी पांच राज्यों के गिरोह कर रहे हैं।