कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र स्नान के लिए चुनार रेलवे स्टेशन पहुँचे श्रद्धालुओं के लिए आज की सुबह एक भीषण त्रासदी लेकर आई। बुधवार सुबह लगभग सवा नौ बजे, सोनभद्र से आई गोमो-प्रयागराज बरवाडीह पैसेंजर ट्रेन से उतरने के बाद, छह श्रद्धालुओं की हावड़ा-कालका मेल (नेताजी एक्सप्रेस) की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई।
ट्रैक पार करने की गंभीर लापरवाही
रेलवे अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हृदय विदारक हादसा प्लेटफार्म नंबर 4 पर हुआ। पैसेंजर ट्रेन से उतरने के बाद श्रद्धालु, जो कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए आए थे, प्लेटफार्म नंबर 3 की ओर जाने के लिए मौजूद फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने के बजाय, रेल लाइन पार करने लगे।
दुर्भाग्यवश, उसी समय मेन लाइन से तेज रफ्तार हावड़ा-कालका मेल (ट्रेन नंबर 12311 नेताजी एक्सप्रेस) गुजर रही थी। श्रद्धालु उसकी चपेट में आ गए। रेलवे ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि की है कि यात्रियों ने फुट ओवर ब्रिज होने के बावजूद गलत तरीके से ट्रैक पार किया।
शवों की पहचान बनी चुनौती
यह टक्कर इतनी भयानक थी कि मृतकों के शव क्षत-विक्षत हो गए, जिससे उनकी तत्काल पहचान करना अत्यंत मुश्किल हो रहा है। हादसे के बाद पूरे स्टेशन पर चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस) और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और शवों के टुकड़ों को इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सुरक्षाबल अब मृतकों की पहचान स्थापित करने और उनके परिजनों से संपर्क करने में जुटे हुए हैं।
रेलवे की अपील और जांच के आदेश
इस दुखद घटना ने एक बार फिर रेलवे ट्रैक पार करने में बरती जाने वाली लापरवाही के गंभीर खतरों को उजागर किया है। रेलवे ने यात्रियों से बार-बार अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करें। इस दुर्घटना के बाद, रेलवे ने आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन के उपायों की समीक्षा कर रहे हैं। इस हादसे ने कार्तिक पूर्णिमा की धार्मिक आस्था को गहरे शोक में डुबो दिया है।